सिकरारा,आज महेशपुर गाँव के रमेश उपाध्याय के सौजन्य से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का सप्तमदिन बड़े हर्सोउल्लास के साथ विराम दिवस के रूप सम्पन्न हुआ, परमपुज्य ब्यास,बाल कथा बाचक पं० विवेक मिश्र पुत्र पं० उदय राज मिश्र निवासी ग्राम-पुरवां समाधगंज,जौनपुर,काशी विद्यापीठ के यशस्वी छात्र के रूप मे कथा सहज सरल भाषा मे श्रवण कराया,ब्यास जी ने श्रीमद् भागवत को महापुराण की संज्ञा से सँवारते हुए कहा कि इनके श्रवण मात्र से दैहिक दैविक और भौतिक तीनों तापो से मुक्ति मिलती है।श्री वेदव्यास द्वारा रचित ग्रन्थ के उपदेशों के तहत सुखमय जीवन जीने की कला सिखाती है,ब्यास जी द्वारा भगवान श्री कृष्ण के सोलह हज़ार एक सौ आठ विवाहों की चर्चा करते कहा कि भगवान श्री कृष्ण जितनी भी लिलाए है वो सब असाधारण है,सामान्य जीव भगवान श्री कृष्ण के समस्त चरित्रों को अपने जीवन मे नही उतार सकता, वहीं करूणानिधान श्री राम जी के सारे चरित्र मानव के लिये अनुकरणीय और कल्याणकारी है,जिसमें गुरू ,माता-पिता की आज्ञा का पालन व सेवा सर्वोपर है।श्री कृष्ण और सुदामा जी के सच्ची मित्रता का चित्रण बड़े ही सुन्दर ढंग से सरल शैली मे श्रवण कराया कि श्रोतागण भावविभोर होकर नाचने और पुष्प की वर्षा करने लगे।
अन्त मे पुज्य ब्यास जी ने परिक्षित के भगवान धाम जाने की कथा तथा भगवान के नाम सकीर्तन की महिमा सुनाई,भगवान का नाम सकीर्तन ही एसा साधन है जो जीव के समस्त पापों को नष्ट करके उसको इहलोकऔर परलोक दोनों मे सुख प्रदान करने वाला होता है।
श्रोता श्यामले मिश्र ने ब्यास जी की वाणी से ख़ुश होकर अंगबस्रम तथा राधा कृष्ण की प्रतिमा उपहार देकर ब्यास पीठ पर सम्मानित किया।श्रोता के रूप मे मंगला गुरू,मुन्ना पाण्डे,विनीत मिश्र,कुलदीप शुक्ल,आशीष मिश्र,सुधाकर उपाध्याय,भोले तिवारी,राहुल दूबे,राम राज गुप्त,अनिल सरोज,नीरज गौतम जैसे भारी तादात मे लोगों ने कथा का रसास्वादन किया
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