छात्रा के आँख की रोशनी बचाने के लिए आगे आये शिक्षक

पिंडरा के शिक्षक आर्थिक सहयोग से कराएंगे इलाज

पिंडरा।पिंडरा विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय चितईपुर के कक्षा 5 की छात्रा शालू 11 वर्ष की डायबिटीज के चलते आंख की रोशनी चली गयी। इसकी जानकारी शिक्षकों को तब हुई जब वह स्कूल आना बंद कर दिया। जब शिक्षक उसके घर पहुच, स्कूल न आने पर जानकारी ली तो सन्न रह गए और तभी शिक्षको ने मिशन शालू के तहत सहयोग एकत्र कर इलाज कराने का निर्णय लिया।
छात्रा के पिता राहुल राम दिहाड़ी मजदूर हैं और माता शीला ग्रहणी है। बचपन से डायबिटीज के कारण धीरे धीरे उसकी रोशनी कम होती रही। वही डायबिटीज भी कम नही होने के कारण डॉक्टर की सलाह पर तीन बार इंसुलिन लेना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उसे समय समय पर इंसुलिन भी नही मिला पाया। इसकी जानकारी जब विद्यालय के प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह को हुई तो वह अपने विद्यालय के शिक्षकों के साथ ब्लॉक के शिक्षकों ने मन्त्रणा कर मिशन शालू के तहत धन ऐक्टर कर इलाज कराने का निर्णय लिया और पहले ही दिन शाम होते होते 25 हजार रुपए इलाज के लिए गूगल के जरिये धन एकत्र हो गया।
अब शालू के इलाज में रुपये की कमी नही आएगी। चितईपुर निवासी व प्राथमिक विद्यालय की गरीब छात्रा के लिए सैकड़ो हाथ उठ खड़े हुए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को इलाज के लिए बीएचयू भी गई और चिकित्सक प्रो आलोक वर्मा ने डायबिटीज कंट्रोल होने पर आंख के ऑपरेशन कर ठीक करने का आश्वासन दिया। यही नही चिकित्सको की टीम ने भी हर तरह के मदद करने का भरोसा दिया।

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