पिंडरा क्षेत्र में इस समय दर्जनों छोटे बड़े हॉस्पिटल मानकों की अनदेखी कर धड़ल्ले से चल रहे है आश्चर्य की बात तो यह है कि ये छोटे बड़े हॉस्पिटल की गली या किसी गाँव मे नही बल्कि मुख्य मार्ग हाईवे पर भी पर चल रहे है आये दिन इन हॉस्पिटल में मरीजो के आर्थिक शोषण के साथ ही उनके गलत इलाज से मरने की भी सूचनाएं आती है लेकिन वे किसी न किसी रूप में या तो आर्थिक लालच देकर उन्हें शांत कर दिया जाता है या परिजन उसे अपना भाग्य मानकर वापस घर लौट जाते है। यही नहीं झोलाछाप डॉक्टरों के पास भी एंबुलेंस उपलब्ध है उनको एंबुलेंस की मान्यता कैसे मिल जाती है यह भी जांच का विषय है इतना ही नहीं क्षेत्र में इस समय झोलाछाप डॉक्टर, पैथोलॉजी सेंटर, मेडिकल स्टोरों की बाढ़ सी आ गई है कुछ झोलाछाप डॉक्टरों के पास एंबुलेंस भी है किस मानक के तहत इन्हें एंबुलेंस दे दिया जाता है यह जांच का विषय है इस पर जिले का स्वास्थ्य विभाग ध्यान ही नहीं दे रहा है पता तो तब चलता है जब लखनऊ की टीम आती है हॉस्पिटल वाले पैथोलॉजी सेंटर वाले मेडिकल स्टोर वाले दुकान बंद कर भाग जाते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ खोज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्षेत्र में इस समय दर्जनों हॉस्पिटल मानकों की अनदेखी कर हॉस्पिटल बेसमेंट में चलाए जा रहे है और स्वास्थ्य विभाग इससे बेखबर है शायद वह भी दिल्ली व अन्य शहरों में घटित किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं। वही बेसमेंट में निजी हॉस्पिटलों के संचालन के बाबत प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शेर मोहम्मद ने यह तो बताया कि बेसमेंट में हॉस्पिटल चलाना अवैध और बेसमेंट का प्रयोग सिर्फ पार्किंग के लिये ही हो सकता है उन्होंने स्पस्ट तौर पर कहा कि हॉस्पिटल संचालक जो हलफनामा स्वास्थ विभाग को हॉस्पिटल चलाने की जगह के लिये देते है उनमें बेसमेंट में हॉस्पिटल का संचालन दर्शाते ही नही है। जिससे विभाग की सामने एक भ्रम की स्थिति रख कर वह होस्पिटल चला कर ग्रामीण अंचल के मरीजो के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे है ।
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