संत गाडगे सामाजिक समरसता के प्रतीक

पिंडरा ।सामाजिक समरसता के प्रतीक संत गाडगे महाराज की जयंती कनौजिया समाज द्वारा ग्राम सभा देवराई में शुक्रवार को समता दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित सामाजिक एकता व समता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि लोकजन सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विरेंद्र विश्वकर्मा ने संत गाडगे जी महाराज को नमन करते हुए कहाकि लोक कल्याण की भावना से किया गया उनका योगदान समाज सेवा की प्रेरणा देता है। उन्होंने अंधविश्वास आडंबर और कुरीतियों से उद्धार के लिए अनेक विद्यालय,धर्मशालाएं, गौशालाएं, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराया। यह सब उन्होंने भीख मांग-मांगकर बनवाया किंतु अपने सारे जीवन में इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई। उन्होंने धर्मशालाओं के बरामदे या आसपास के किसी वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। उन्होंने कहा वह त्याग की प्रतिमूर्ति थे उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य लोक सेवा था।वह दीन दुखियों तथा उपेक्षितो की सेवा को ही ईश्वर भक्ति मानते थे। धार्मिक आडंबरों का उन्होंने प्रखर विरोध किया। वह कहा करते थे,भूखों को भोजन, प्यासे को पानी, नंगे को वस्त्र,अनपढ़ को शिक्षा, बेकार को काम,निराश को ढाढ़स और मूक जीवो को अभय प्रदान करना ही भगवान की सच्ची सेवा है।
कार्यक्रम का अध्यक्षता सियाराम कनौजिया(पूर्व प्रधान) संचालन दिनेश कनौजिया ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कनौजिया समाज के लोग उपस्थित रहें।

About The Author

Share the News