काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गुरुवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब महिला महाविद्यालय की छात्रा प्राची सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद परिसर में छात्राओं ने इलाज में देरी का आरोप लगाते हुए ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्राची सिंह, जो एआईएचसी बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थीं और स्वस्तिकुंज छात्रावास के कमरा नंबर 66 में रहती थीं, आज सुबह क्लास के लिए जा रही थीं। बॉटनी विभाग के पास अचानक बेहोश होकर गिर पड़ीं। साथी छात्राओं ने तत्काल मदद की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें सर सुंदरलाल चिकित्सालय के आपातकालीन विभाग ले जाया गया।
डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया, लेकिन लगभग सुबह 9:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया।
छात्रा की मौत की खबर फैलते ही महिला महाविद्यालय की छात्राएं गेट पर उतर आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची और प्रोफेसरों ने अपनी गाड़ी से छात्रा को अस्पताल नहीं ले जाया। नाराज़ छात्राओं ने सड़क जाम कर ‘शेम-शेम’ के नारे लगाए और प्रोफेसरों का रास्ता रोक दिया।
कई घंटों तक जारी हंगामे के बीच महिला महाविद्यालय की प्राचार्या रीता सिंह और विश्वविद्यालय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझाने की कोशिश की। प्राचार्या ने बताया कि,
“सीसीटीवी फुटेज में छात्रा को गलियारे में गिरते देखा गया। कुछ मिनट बाद छात्राएं पहुंचीं और मदद की। एंबुलेंस 15 मिनट के भीतर पहुंची थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के कारण उसकी जान नहीं बच सकी।”
वहीं, छात्राओं का कहना है कि एंबुलेंस में 30 मिनट से अधिक की देरी हुई और कैंपस में तत्काल चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं। उन्होंने कैंपस में डॉक्टर और नर्स की स्थायी नियुक्ति की मांग उठाई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच की घोषणा करते हुए कहा है कि छात्रों की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
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