सड़क सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम

पिंडरा। उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत एवं आश्वी इंफ्राज़ोन एटीएस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बसनी में स्थापित एवं संचालित ‘स्वचालित परीक्षण स्टेशन (ATS)’ का उ‌द्घाटन परिवहन राज्य दयाशंकर सिंह ने वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए सड़क सुरक्षा में ATS की भूमिका पर विशेष रूप से प्रकाश डाला और सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ाये जाने का आहृवान किया।इस मौके पर आश्वी इंफ्राज़ोन एटीएस प्राइवेट लिमिटेड की टीम ने मंत्री जी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा परिवहन विभाग के डीटीसी, आरटीओ, एआरटीओ का स्वागत, माला पहना कर एवं पुष्प- गुच्छ देकर किया।वही परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अपने संबोधन मैं कहा कि वाहन परीक्षण प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी दक्षता के महत्व पर प्रकाश डाला। ATS केंद्र की कार्य-प्रक्रिया का प्रदर्शन आगंतुकों को विभिन्न प्रकार के स्वचालित परीक्षणों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें ब्रेक परीक्षण, स्टीयरिंग जांच, सस्पेंशन चेक, उत्सर्जन स्तर मापन आदि शामिल थे। सड़क सुरक्षा जागरूकता में कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक एवं नृत्य प्रस्तुतियाँ की गईं, जिनमें सड़क सुरक्षा के मूलभूत नियमों, यातायात, अनुशासन तथा हेलमेट उपयोग जैसे विषयों पर जन-जागरूकता फैलाने का संदेश दिया गया जन-संवाद सत्र मे आम नागरिकों के प्रश्नों का उत्तर देकर यह बताया गया कि ATS प्रणाली कैसे कार्य करती है, इसके लाभ क्या हैं, और यह कैसे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक सिद्ध हो सकती है। वही अन्य वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ‘स्वचालित परीक्षण स्टेशन’ वाहनों की तकनीकी जांच के माध्यम से सरकार द्वारा सड़कों पर केवल उपयुक्त एवं फिट वाहनों की मौजूदगी सुनिश्चित करने हेतु उठाया गया एक क्रांतिकारी प्रयास है। इस अवसर पर आश्वी इंफ्राज़ोन एटीएस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक रोहित सिंह ने कहा कि वह इस केंद्र के सफल संचालन हेतु प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी सड़क सुरक्षा व जनहित से जुड़े कार्यों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते रहेगे। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह बताया कि यह नया परीक्षण केंद्र ‘सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मानकों के अनुरूप विकसित किया गया है। केंद्र में वाहनों की ब्रेक, सस्पेंशन, साइड स्लिप, हेडलाइट अलाइनमेंट और उत्सर्जन जैसी महत्वपूर्ण जांचे पूरी तरह स्वचालित मशीनों द्वारा की जाएंगी। इससे जाँच का परिणाम अधिक सटीक, निष्पक्ष और विश्वसनीय होगा। यह केंद्र व्यावसायिक और निजी दोनों प्रकार के वाहनों के लिए नियमानुसार सेवाएं देगा। स्वचालित प्रक्रिया के कारण अब फिटनेस प्रमाणपत्र निष्पक्ष रूप से दिए जाएंगे और फर्जी प्रमाणपत्रों की समस्या पर रोक लगेगी तथा तकनीकी जाँच की कप्यूटरीकृत प्रक्रिया भ्रष्टाचार और मानवीय त्रुटियों को न्यूनतम करेगी।
उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि ऐसे प्रयासों से समाज में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और उत्तरदायित्व की भावना और अधिक सशक्त होगी। इस मौके पर उप परिवहन आयुक्त भीमसेन सिंह, शिखर ओझा आरटीओ प्रशासन, मनोज कुमार वर्मा एआटीओ प्रवर्तन, सर्वेश कुमार चतुर्वेदी एआरटीओ प्रशासन ,पीयूष कुमार आर आई, प्रमेन्द्र कुमार आर आई सहित कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।

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