यूपी BJP ने 26 जिलों में अध्यक्ष का चुनाव रोका

जबरदस्त विरोध, नेताओं का दबाव; लंबे अर्से पर बाद पार्टी में दिखी गुटबाजी
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यूपी भाजपा में जबरदस्त विरोध, गुटबाजी और नेताओं के दबाव के चलते 28 जिलों में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव टाल दिया गया है। भाजपा अब सिर्फ 70 जिलों के अध्यक्ष का ऐलान करेगी। इस ऐलान में भी विरोध की आशंका को देखते हुए प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय एक-एक को वॉट्सऐप पर लिस्ट भेजेंगे।
पूरे यूपी को भाजपा ने 98 संगठनात्मक जिलों में बांट रखा है। इस विरोध के चलते पार्टी में ढाई महीने से चल रही संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। भाजपा के दिग्गज और प्रभावशाली नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष प्रभाव दिखाते हुए 28 जिलों में अध्यक्ष का चुनाव स्थगित करा लिया।

लंबे अर्से बाद देखने BJP भाजपा में देखने को मिली गुटबाजी

जनवरी के पहले सप्ताह से जिलों में भाजपा में चुनाव प्रक्रिया चल रही है, लेकिन प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सभी जिलों में एक साथ जिलाध्यक्ष घोषित कराने में सफल नहीं हुए।
भाजपा में ऐसा लंबे अर्से बाद देखने को मिला है, जब प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए सभी को एक मत नहीं कर सका। इससे भाजपा के अंदर चल हर क्षेत्र में चल रही गुटबाजी भी उजागर हुई है।

ज्यादातर जगहों पर दबाव में चुनाव स्थगित

सूत्रों के मुताबिक, जिलाध्यक्ष नियुक्ति की भनक लगते ही दावेदारों ने दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई। चुनाव प्रक्रिया से जुड़े नेताओं के साथ प्रतिद्वंद्वी दावेदार पर भी कई आरोप लगाए। केंद्रीय नेतृत्व ने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर चुनाव स्थगित करने का फरमान प्रदेश चुनाव प्रभारी को भेज दिया।
ज़्यादातर जिलों में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति एक राय नहीं बनने और जातीय समीकरण सेट नहीं होने के कारण स्थगित किया गया है।

सभी अपने-अपने चहेतों को बनवाना चाहते हैं जिलाध्यक्ष

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, चुनाव स्थगित कराना अपने चहेतों को जिलाध्यक्ष बनाने का सबसे आसान तरीका है। जिन जिलों में चुनाव स्थगित हुआ है वहां अब जिलाध्यक्ष की घोषणा नए प्रदेश अध्यक्ष की ओर से की जाएगी।

क्षेत्रीय अध्यक्ष भी अनजान

भाजपा में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति से क्षेत्रीय अध्यक्ष को भी दूर रखा गया है। आज जिलाध्यक्ष की नियुक्ति होनी थी, लेकिन प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र नाथ पांडेय की ओर से किसी भी क्षेत्रीय अध्यक्ष को सूचित नहीं किया गया है कि उनके क्षेत्र मे कितने जिलों में जिलाध्यक्ष की घोषणा होगी और कितने जिलों में चुनाव स्थगित किया गया है।

कहां-कहां हुआ विरोध

“•अंबेडकर नगर में जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी का काफी विरोध है। बाराबंकी में भी जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य का भी विरोध है। अयोध्या में पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने मौजूदा जिलाध्यक्ष को रिपीट करने का विरोध किया। वहीं खुद के करीबी को जिलाध्यक्ष बनाने का दबाव बनाया।
“• फतेहपुर, जालौन और झांसी महानगर में भी चुनाव स्थगित किया गया है। झांसी महानगर के जिलाध्यक्ष के लिए प्रदेश के एक बड़े पदाधिकारी के निजी सचिव का काफ़ी दबाव है। निजी सचिव ने बड़े नेताओं को राय दी है कि मौजूदा जिलाध्यक्ष हेमंत परिहार को ही फिर मौका मिलना चाहिए।
“• बृज क्षेत्र में पीलीभीत, हाथरस, अलीगढ़ जिला और महानगर, एटा और फिरोजाबाद जिले में भी चुनाव स्थगित किया है। ब्रज में कुल 19 संगठनात्मक जिले हैं। इनमें 6 जिलों में जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को रोका गया है।
“• कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में 17 संगठनात्मक जिले हैं। इसमें 3 जिलों में चुनाव रोका गया है।
“• काशी क्षेत्र में भाजपा के 16 संगठनात्मक जिले हैं। बनारस जिला और प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र पांडेय के गृह जिले चंदौली में भी चुनाव स्थगित हुआ है। काशी क्षेत्र में मिर्जापुर और जौनपुर में भी चुनाव स्थगित हुआ है।
“• अवध क्षेत्र में भाजपा के 15 संगठन जिले हैं। अयोध्या जिला एवं महानगर बाराबंकी अंबेडकर और लखीमपुर में चुनाव स्थगित किया गया है। सीतापुर में भी चुनाव की तस्वीर अभी साफ नहीं की हुई है।
“• गोरखपुर क्षेत्र में भाजपा के 12 जिले हैं। देवरिया में स्थानीय सांसद और विधायकों के विरोध के कारण चुनाव स्थगित किया गया है। सिद्धार्थनगर में भी आम सहमति नहीं बनने के कारण चुनाव रोका गया है।
“• पश्चिम क्षेत्र में भाजपा के संगठनात्मक 19 जिले हैं। मेरठ जिला, हापुड़, शामली, सहारनपुर जिला और अमरोहा में चुनाव स्थगित किया गया है। बागपत में भी चुनाव की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है।

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