बाबतपुर क्षेत्र बना होटलों का हब

पिंडरा। आज के चार दशक पूर्व वाराणसी से लेकर लखनऊ के बीच मात्र एक ढाबा हुआ करता था जिसका नाम था करिया सिंह का ढाबा, ढाबे पर बैठकर खाने के लिए टेबल कुर्सी नहीं थी केवल खटिया ही थी खाट पर लोग खाना खाते थे और इसपर सो जाते थे। आज वह ढाबा होटल 5 स्टार के रूप में तब्दील हो गया है। इसी तरह देखते-देखते वाराणसी से लखनऊ के बीच सैकड़ो होटल खुल गए होटल के आड़ में लाने भी संचालित है यही नहीं केवल बाबतपुर में कम से कम 50 होटल खाने-रहने के लिए बन गए हैं रेस्टोरेंटों की तादाद इतनी है कि जिसकी गिनती नहीं की जा सकती। बाबतपुर क्षेत्र होटल का हब बनने के बाद रेस्टोरेंट की आड़ में रहने के लिए रूम दी जा रही है। लोग अपने घरों को पेइंग गेस्ट का बोर्ड लगाकर भोले भाले यात्रियों से पैसा वसूल रहे हैं। अधिकांश बगैर लाइसेंस के संचालित होटल व रेस्टोरेंट में अवैध कार्य भी होते हैं। लेकिन सरकार खुफिया एजेंसी भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है इस तरह के होटल और रेस्टोरेंट लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट व नेशनल हाईवे पर वाराणसी से लेकर जौनपुर जिले के बॉर्डर तक चल रहे हैं। प्रयागराज की भीड़ बनारस से अयोध्या जा रही है। अयोध्या जाने वाले रूट पर यात्रियों से मनमाने तरीके से रूम का किराया खान का पैसा यहां तक की चाय का भी पैसा ज्यादा वसूला जा रहा है जरूरत है इस पर सरकार व क्षेत्रीय पुलिस की जरुरत है ध्यान देने की यात्रियों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। कब शासन प्रशासन ऐसे अवैध होटल व रेस्टोरेंटों पर अंकुश लगाती है।

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