आज़मगढ़ जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद एक कैदी रिहा होते समय जेल अधीक्षक की चेकबुक चुरा ले गया और रिहाई के बाद उसी चेकबुक से फर्जी हस्ताक्षर कर करीब 30 लाख रुपये उड़ा लिए।
जानकारी के मुताबिक, रामजीत यादव नामक आरोपी पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद था। उसे 20 मई 2024 को जमानत मिलने पर रिहा किया गया। रिहाई के दौरान उसने चालाकी से जेल अधीक्षक की चेकबुक अपने साथ ले ली।
बेल पर बाहर आने के बाद रामजीत ने अधीक्षक के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से लाखों रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। यह फर्जीवाड़ा करीब डेढ़ साल तक चलता रहा। जब बैंक खाते में अनियमित लेन-देन की जानकारी मिली, तो अधीक्षक ने जांच कराई और पूरा मामला सामने आया।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी रामजीत यादव सहित कुछ जेलकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी रकम के फर्जी लेन-देन का पता लंबे समय तक कैसे नहीं चल सका।
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