वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रॉमा सेंटर में 30 अगस्त 2025 को सुरक्षा कर्मियों और एक व्यक्ति के बीच हुए वाद-विवाद का मामला अब पूरी तरह से पलट गया है। इस प्रकरण में शिकायत दर्ज कराने वाले प्रार्थी दिलीप कुमार मौर्या, निवासी जनपद चंदौली ने स्वयं पुलिस को एक लिखित प्रार्थना पत्र देकर साफ कर दिया है कि वे अब किसी भी प्रकार की कार्यवाही इस मामले में नहीं चाहते।
प्रार्थी ने अपने निवेदन में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि –
“ट्रॉमा सेंटर में सुरक्षा कर्मियों के साथ विवाद के बाद कुछ अज्ञात व्यक्तियों, जो खुद को विश्वविद्यालय का छात्र बताते थे, के उकसावे पर मैंने पुलिस में तहरीर दी थी। लेकिन अब मैं उस तहरीर को वापस ले रहा हूं। मैं यह प्रार्थना पत्र बिना किसी दबाव, स्वेच्छा और स्वतंत्र मन से दे रहा हूं। इस मामले में किसी व्यक्ति का कोई दबाव नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि अनावश्यक कार्यवाही से समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी होती है, इसलिए पुलिस से अनुरोध है कि इस प्रकरण को बिना किसी कार्रवाई के समाप्त कर दिया जाए।
राजनीतिक साज़िश की आशंका
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कुछ सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। लोगों का आरोप है कि राजनीतिक लाभ के लिए ट्रॉमा सेंटर जैसी संवेदनशील जगह की छवि को बदनाम करने का प्रयास हो रहा है।
BHU ट्रॉमा सेंटर पहले से ही मरीजों की गंभीर स्थिति और आपातकालीन सेवाओं के लिए जाना जाता है। ऐसे में बार-बार होने वाले विवादों से इसकी छवि पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
अब नज़रें पुलिस और प्रशासन पर
अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले को किस प्रकार से निस्तारित करती है और क्या प्रशासन भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाता है या नहीं।
More Stories
यूपीपीएससी परीक्षा को लेकर वाराणसी पुलिस सतर्क — एडीसीपी शिवहरी मीणा ने किया निरीक्षण, 49 परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व ट्रैफिक व्यवस्था
वाराणसी में सीडीओ का बड़ा एक्शन! — लापरवाही पर सीडीपीओ व तीन बीडीओ का वेतन रोका, विभागीय जांच के आदेश
वाराणसी में अब विकास पर नहीं लगेगा ब्रेक — योगी सरकार ने दालमंडी अतिक्रमण पर कस दी लगाम