पिंडरा।
बीकीपिंग फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी मकसूदनपट्टी के प्रांगण में मंगलवार को फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के वैज्ञानिक डॉ अमितेश कुमार सिंह के द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन में कृषि यंत्रीकरण का योगदान विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई कि किस प्रकार से कृषि यंत्रों के द्वारा फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाकर मिट्टी की उर्वराशक्ति को बढ़ाया जा सकता है? कृषि विज्ञान केंद्र के दूसरे वैज्ञानिक श्री प्रकाश सिंह के द्वारा किसानों से अनुरोध किया गया कि फसल अवशेष को जलाए ना उसको मिट्टी में मिलकर उसका खाद बनाकर प्रयोग करें। जिससे मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा में वृद्धि होती है जो फसल उत्पादन के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। इसके साथ ही गर्मी में मिट्टी पलट हल से खेत की गहरी जुताई करें जिससे मिट्टी की जल धारण की क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ वायु का संचार अधिक होता है। जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है और अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। डिप्टी डायरेक्टर नाबार्ड अनुज कुमार सिंह के द्वारा किसानों को अवगत कराया गया सरकार के द्वारा किसानों को विभिन्न प्रकार के ऋण एवं अनुदान नाबार्ड के द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं किसान इसका लाभ उठाएं। धन्यवाद वीकीपिंग कृषक उत्पादन कंपनी के डायरेक्टर पवन कुमार सिंह के द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को अपनाने और इसके लिए केंद्र पर उपलब्ध सुपर सीडर एवं मोल्ड बोर्ड प्लाऊ यंत्र का प्रयोग करे। इस दौरान कृषि विभाग के अलावा सैकड़ो किसानों ने प्रतिभाग किया।
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