इस नवरात्रि पर रजत सिनर्जी फाउंडेशन ने एक अनोखे तरीके के किया कन्यापूजन किया। इस दिशा में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए फाउण्डेशन ने हुनर-ए-बनारस के साथ मिलकर के कदम बढ़ाया है और दो हजार मीटर बनारसी सिल्क एक्सपोर्ट सरप्लस फैब्रिक के कपड़े हुनर ए बनारस को प्रदान किया। जिससे संस्था में आत्मनिर्भर बनने की राह पर दौड़ रही तीस महिलाएं इन कपड़ों से महिलाओं के डिजायनर ड्रेस बनाये और बाजार में बेचकर उद्यमी भी बने।
इस अवसर पर फाउण्डेशन की चेयरपर्सन श्रीमती भारती पाठक ने कहा कि हमारी संस्कृति सदैव नारी शक्ति के केन्द्र में रही है। नवरात्र के अष्टमी तिथि पर मातृशक्ति को कपड़े प्रदान करने के माध्यम से फाउण्डेशन ने नारी की शक्ति को बल प्रदान करने का प्रयास किया है। ताकि एक गृहणी, एक उद्यमी बनकर अपने गृहस्ती को संवार सके। फाउण्डेशन की डायरेक्टर श्रीमती प्रगति पाठक ने बताया कि यह हमारे सनातन परम्परा व संस्कृति का सम्यक विभाग सिद्धान्त का एक प्रयास है और ऐसा प्रयास अगर हर सक्षम व्यक्ति, संस्था या समूह करे तो हमारा समाज व देश आर्थिक स्वावलम्बी हो जाएगा।
हुनर ए बनारस के फाउंडर निदेशक अजय सिंह ने बताया कि विगत 30 वर्षों से संचालित हुनर-ए-बनारस संस्था के माध्यम से अब तक दस हजार से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भता की राह पर अग्रसर है।
इस मौके पर रजत सिनर्जी फाउण्डेशन निदेशक रजत पाठक ने ये विश्वास जताया कि इस कार्य में हुनर ए बनारस और रजत सिनर्जी फाउंडेशन मिलकर के महिलाओं को खुद का स्टार्टअप करने और स्वावलंबी बनाने की दिशा में लगातार कार्य करते रहेंगे। हुनर ए बनारस की प्रोडक्ट प्रमोशन मैनेजर ज्योति कुमारी ने इस सहयोग के लिए रजत सिनर्जी फाउंडेशन का आभार प्रकट किया और बताया कि महिलाओं के स्वावलम्बन के लिए संस्था द्वारा अगरबत्ती बनाने, ड्रेस डिजाईनिंग, हैण्डीक्राफ्ट आदि का प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उन्हे उद्यमी बनने के लिए सहायता भी प्रदान की जाती है।
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