एकीकृत सब्जी उत्पादन मॉड्यूल अपनाएं किसान, बढ़ेगी मिट्टी की शक्ति, स्वस्थ होगी फसल
आईसीएआर के संस्थान-द्वय भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान एवं प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय (डीओजीआर), पुणे द्वारा आईआईवीआर, वाराणसी में आज “प्याज की व्यावसायिक खेती” पर एक तकनीक-परक किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि वैज्ञानिकों संग 300 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस सहयोगी कार्यक्रम में एग्रिमित्र किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड की विशेष भूमिका रही। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी और सीमांत किसानों को उच्च मूल्य वाली फसल उत्पादन तकनीकों से सशक्त बनाना था।
डीओजीआर के निदेशक डॉ. विजय महाजन ने क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय परिवर्तन को उजागर करते हुए बताया कि व्यवस्थित किसान प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्याज और लहसुन की खेती में छह गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “हमारे लक्षित हस्तक्षेपों ने प्याज उत्पादन पद्धतियों में बदलाव लाया है। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ नागेंद्र राय ने कहा कि किसान वैज्ञानिक खेती की विधियों के माध्यम से पर्याप्त आर्थिक लाभ प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। आईआईवीआर के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने किसानों को प्याज की खेती के साथ कृषि प्रणालियों में सब्जियों को एकीकृत करने के लिए कहा। उन्होंने सलाह दी, “किसान किचन गार्डन (छोटे स्तर) से शुरू करके व्यावसायिक उत्पादन तक के स्तर पर प्याज और लहसुन के साथ सब्जियों की खेती करके अपनी पोषण सुरक्षा और आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं।”
तकनीकी सत्रों में आधुनिक कृषि के व्यापक पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें व्यावसायिक प्याज उत्पादन, जैव-उर्वरक अनुप्रयोग, स्वस्थ नर्सरी तैयार करना, और टमाटर एवं मिर्च की उत्पादन तकनीकें शामिल थीं। डॉ. अमर जीत गुप्ता ने वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए वैज्ञानिक खेती पद्धतियों के माध्यम से आदिवासी किसानों की आजीविका में हुए महत्वपूर्ण सुधार को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और कृषि कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में खरीफ प्याज की सफलता की कहानी पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया। प्याज और सब्जियां पोषण सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करती हैं। उचित खेती तकनीकों के साथ, एग्रिमित्र एफसीओ के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि सब्जी फसलें और खरीफ एवं रबी की प्याज वर्षभर किसानों को आय के अवसर प्रदान करती हैं और ग्रामीण आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
किसानों के लिए आयोजित तकनीकी सत्र में डॉ अमरजीत गुप्ता ने प्याज उत्पादन, डॉ डी पी सिंह ने सूक्ष्मजीवों के उपयोग, डॉ सुदर्शन मौर्या ने सब्जियों में रोगों का उपचार, डॉ जगेश तिवारी ने टमाटर की प्रजातियों एवं डॉ नीरज सिंह टीएसपी के अंतर्गत किसान केंद्रित योजनाओं पर चर्चा किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ डी आर भारद्वाज एवं धन्यवाद ज्ञापन एग्रिमित्र एफसीओ के निदेशक डॉ गोविंद नारायण सिंह ने किया।
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