करखियाँव का लाल बना इसरो में वैज्ञानिक

पिण्डरा-इरादे बुलंद हों तो कोई बाधा सफलता को रोक नहीं सकती है। एक रिटायर्ड कर्मचारी के बेटे ने वैज्ञानिक बनकर इस बात को सच कर दिखाया। बेटे की सफलता से परिजनों के साथ गाँव के लोगों में खुशी की लहर है। सफलता का ये किस्सा यूपी के वाराणसी जनपद से एक रिटायर्ड कर्मचारी बेटे का है।पिण्डरा तहसील क्षेत्र के करखियाँव निवासी राकेश सिंह के बेटे अभिषेक कुमार सिंह इंटर की पढ़ाई संत नरायण बाबा पब्लिक स्कूल खालिसपुर में की। इसके बाद एनआईटी प्रयागराज से बीटेक किया। बीटेक की पढ़ाई के बाद अभिषेक का एमटेक मे आईआईटी खड़गपुर में सेलेक्शन हो गया। यहां से एमटेक करने के बाद कुछ दिन एक निजी कम्पनी मे जाब करने लगा जिसके बाद इसरो में वैज्ञानिक के लिए चयन हो गया।अभिषेक ने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत इसरो (ISRO) के साइंटिस्ट तक का सफर तय किया है।उन्हें बचपन से ही साइंस में लगाव था.वो अपने दादा सकल नरायण सिंह को अपना आदर्श मानते हैं,उनके दादा जो रामलीला नाटक के एक अच्छे व्यास और नाटककार थे।दादा के आदर्श पर चलकर अभिषेक श्री दशहरा डीह बाबा रामलीला मे लक्ष्मण का किरदार भी निभाए थे।उनकी इस सफलता से जहां परिजनों में खुशी है, वहीं माता इन्द्रा सिंह को अपने बेटे पर यकीन है कि वो एपीजे अब्दुल कलाम की तरह देश को आगे बढ़ाने, उसके विकास में अपनी पूरी मेहनत के साथ काम करेगा।वही पिता राकेश सिंह ने बताया कि बड़ा बेटा बृजेश कुमार सिंह और छोटा बेटा अभिषेक कुमार सिंह दोनो साथ ही तैयारी करते है।एक का सलेक्शन हो गया अभी दूसरे का बाकी है।गाँव वालो तथा रामलीला टीम इस कामयाबी पर दशहरा डीह बाबा मंदिर पर हनुमान चालीसा का पाठ कर लड्डू वितरित किया।

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