बार पदाधिकारियों के रवैए से युवा अधिवक्ता नाराज

वाराणसी। स्टांप मंत्री से वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने के बार पदाधिकारियों के निर्णय से युवा अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित युवा अधिवक्ताओं ने इस मामले को लेकर बुधवार को बनारस बार के अध्यक्ष घेराव कर जमकर नारेबाजी की। युवा अधिवक्ताओं का कहना था कि जिस मामले को लेकर पिछले पांच दिनों से सभी कार्य को ठप कर हड़ताल किया गया था, उसमें बिना किसी लिखित आश्वासन के हड़ताल समाप्त कर दिया गया। जो कहीं से भी उचित न है। युवा अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि बार के पदाधिकारी मनमाने ढंग से बिना आमसभा में चर्चा के हड़ताल को समाप्त करने का निर्णय ले लिया, जो पूर्णतया अनुचित है। बार के पदाधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है। जब हड़ताल का निर्णय आमसभा की बैठक में तय हुआ था तो हड़ताल की वापसी भी आमसभा के निर्णय से होना चाहिए। जब निर्णय यह हुआ था कि अधिवक्ताओं को लिखित में यह आश्वासन मिलेगा कि रजिस्ट्री कार्य स्थानांतरित नही किया जाएगा और वह वाराणसी में ही होगा तो फिर बिना लिखित आश्वासन के हड़ताल क्यों समाप्त कर दिया गया। जब कि स्टांप मंत्री ने दोनों जगहवपर रजिस्ट्री कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में तो अधिवक्ताओं को रजिस्ट्री कार्य से पूर्व दोनों जगह जाकर मुआयना आदि का कार्य करना होगा, जो कहीं से भी व्यवहारिक नहीं है। बार के पदाधिकारियों के मनमाने पूर्ण निर्णय से युवा अधिवक्ता काफी आक्रोशित है और वे काफी देर तक इस मुद्दे को लेकर दोनों बार एसोसिएशन में नारेबाजी व प्रदर्शन करते रहे।

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