पिंडरा ।
क्षेत्र के करखियाव गांव रविवार को सायँ 6 बजे सम्राट पृथ्वीराज चौहान की यशगाथा पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था।
संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने कहाकि सम्राट पृथ्वीराज चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे। उत्तर भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध में उन्होंने अजमेर और दिल्ली पर राज किया था। पिता की मृत्यु के बाद 13 साल की उम्र में ही उन्होंने अजमेर के राजगढ़ की गद्दी संभाल ली। बचपन में ही कुशल योद्धा रहे। साहसी और युद्ध कला में निपुण सम्राट पृथ्वीराज चौहान बचपन से ही तीर कमान और तलवारबाजी पसंद करते थे। प्रथम युद्ध में सन 1191 में मुस्लिम शासक सुल्तान मुहम्मद शहाबुद्दीन गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को कई बार हराना चाहा, लेकिन उसको सफलता नहीं मिली। पृथ्वीराज चौहान ने युद्ध में मुहम्मद गौरी को 17 बार हराया। इसके अलावा वह इतने दरियादिली थे कि मुहम्मद गौरी को कई बार माफ कर दिया और छोड़ दिया। अठारहवीं बार मुहम्मद गौरी ने जयचंद की मदद ली और युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हरा दिया। इसके बाद उन्हें बंदी बना लिया और अपने साथ लेकर चला गया। पृथ्वीराज चौहान और चंदबरदाई दोनों को ही कैद कर लिया गया। मुहम्मद गौरी ने सजा के तौर पर पृथ्वीराज की आखों को गर्म सलाखों से फोड़वा दिया। मुहम्मद गौरी ने चंदबरदाई से पृथ्वीराज चौहान की अंतिम इच्छा पूछने के लिए कहा, क्योंकि चंदबरदाई और पृथ्वीराज आपस में मित्र थे। पृथ्वीराज चौहान शब्दभेदी बाण चलाने में माहिर थे। मुहम्मद गौरी को इस बात की जानकारी दी गई जिसके बाद उसने कला प्रदर्शन के लिए इजाजत दे दी।पृथ्वीराज चौहान को जहां पर अपनी कला का प्रदर्शन करना था वहां पर मुहम्मद गौरी भी मौजूद था। पृथ्वीराज चौहान ने चंदबरदाई के साथ मिलकर मुहम्मद गौरी को मारने की योजना पहले ही बना ली थी। महफिल शुरू होने वाली थी तभी चंदबरदाई ने एक दोहा कहा- ‘चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूक चौहान’। चंदबरदाई ने पृथ्वीराज चौहान को संकेत देने के लिए इस दोहे को पढ़ा था। इस दोहे को सुनने के बाद मोहम्मद गोरी ने जैसे ही शाब्बास’ बोला। वैसे ही अपनी आंखों को गवा चुके पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी को अपने शब्दभेदी बाण से मार दिया। वक्ताओं ने कहा कि विद्यार्थियों को इतिहास की सच्चाई को पढ़ाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सुजीत सिंह व अध्यक्षता डॉक्टर संगीता दुबे ने किया ।
विशिष्ठ अतिथि वीरेंद्र मिश्रा आरएसएस रहे।इस दौरान पूर्व ग्राम प्रधान विक्रमादित्य सिंह, डॉक्टर प्रमोद सिंह ,प्रवक्ता आशीष सिंह , अश्वनी सिंह, सूर्यप्रताप सिंह, अरुण सिंह, अनुराग सिंह, निहाला सिंह, ओमप्रकाश सिंह, गब्बर सिंह, चंदन मिश्रा, अखिलेश सिंह, ऋषिकेश सिंह, ऋषभ सिंह, संतोष सिंह, शंकर मिश्रा, विशेष सिंह,काव्या सिंह, अंशी सिंह, समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
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