पिण्डरा।करखियांव गाँव मे किसान अश्वनी सिंह राजपूत ने बेहतर खेती के लिए ड्रोन से नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी का छिड़काव करवाया।दस बीघा गेंहू में छिड़काव कराते समय किसान अश्वनी ने बताया कि तकनीक का प्रयोग हर तरह की खेती में काफी लाभकारी है। फसलों का उत्पादन बेहतर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानो को तमाम सुविधा मुहैय्या करा रही है जिसका लाभ किसानो को उठाना चाहिए। यह ड्रोन न सिर्फ फसलों को स्वस्थ रखने के लिए कीटनाशक का भी छिड़काव करेगा। इससे फसल रोग मुक्त होगी और पैदावार भी बढ़ेगी। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।ड्रोन के जरिये किसान एक एकड़ खेत में कीटनाशकों, वाटर सॉल्युबल (पानी में घुलनशील) उर्वरकों एवं पोषक तत्वों का सिर्फ सात मिनट में छिड़काव कर सकते हैं। इससे समय एवं संसाधन तो बचेगा ही, मैनुअल छिड़काव से होने वाले संबंधित व्यक्ति को जहरीले रसायनों के खतरे से मिलने वाली सुरक्षा बोनस के रूप में होगी।खेतों में जिस खाद का किसान छिड़काव करते हैं, उसका 15 से 40 फीसद ही फसल को प्राप्त होता है। जबकि पानी के साथ छिड़के जाने वाले उर्वरक का करीब 90 फीसद तक फसल को प्राप्त होता है। इससे फसल की बढ़वार बेहतर होती है।नैनो यूरिया का छिड़काव बोआई के 30-40 दिन बाद जब खेत फसल से पूरी तरह आच्छादित होता है तब करते हैं। ड्रोन से जो छिड़काव होता है उसके ड्रापलेट्स (बूंदे) बहुत महीन तकरीबन मिस्ट (ओस की बूंद) जैसी होती हैं। लिहाजा पानी में घुलनशील फर्टिलाइजर की तुलना में पानी भी प्रति एकड़ एक चौथाई (25 लीटर) ही लगता है।
खड़ी फसल पर छिड़काव होने के नाते इसका असर जमीन तक नहीं पहुंचता लिहाजा यूरिया की लीचिंग (रिसाव) से जल,जमीन को होने वाली क्षति भी नहीं होती। नैनो यूरिया के साथ पानी में घुलनशील जितने तरह के उर्वरक हैं उनको भी फसल की जरूरत के अनुसार मिलाया जा सकता है।
इस मौके ड्रोन सखी आशा वर्मा समेत कई लोग उपस्थित रहे।
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