वाराणसी। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा० बी० पी० पाठक की अध्यक्षता मे गुरुवार को विकास भवन सभागार में समस्त उपमुख्य/पशुचिकित्साधिकारी, समस्त पशुधन प्रसार अधिकारी, समस्त पैरावेट/मैत्री, के साथ बैठक हुई। जिसमे प्रबन्ध निदेशक, पराग राजेन्द्र सहगल भी उपस्थित रहे।
बैठक मे सम्मिलित सभी लोंगो को प्रबन्ध निदेशक, पराग ने बताया कि एन०डी०डी० के काम करने के पाँच मूल मंत्र हैं इनोवेशन, प्रोफेशनलिजम, कमीटमेंट, केडेबिलिटी, इंटीग्रीटी। वर्तमान मे 04 प्रतिशत के दर से दुग्ध उत्पादन में वृध्दि हो रही है। उoप्रo दुग्ध उत्पादन मे प्रथम स्थान पर है लेकिन प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता कम है जिसे कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा बढ़ाया जाने का प्रयास किया जाये। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डॉ बी०पी० पाठक ने निर्देशित किया कि कृत्रिम गर्भाधान, गर्भ परीक्षण एवं उत्पन्न संतति का डाटा भारत पशुधन एप पर शत प्रतिशत अपलोड किया जाये। गोवंशीय पशुओं मे सेक्स सार्टेड सीमेन से शत प्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान किया जाये, जिससे 90 प्रतिशत बछिया पैदा होंगी। मिनी नन्दिनी कृषक समृध्दि योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक योजना, नेशनल लाइवस्टाक मिशन, केसीसी, राष्ट्रीय पशुधन बीमा, एल०एच०डी०सी० पी० योजना के बारे मे भी जानकारी दी गयी ताकि अधिक से अधिक पशुपालकों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके।
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