वाराणसी में होटल और होमस्टे मालिकों के लिए आयोजित हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग वर्कशॉप के चौथे बैच का आयोजन शुक्रवार को हुआ। यह कार्यक्रम पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग एवं वाराणसी जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित किया गया। प्रशिक्षण को इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, लखनऊ ने रेडिसन ग्रुप ऑफ होटल्स के सहयोग से संचालित किया, वहीं अगोडा ने अलग कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाराणसी महापौर अशोक तिवारी और वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव रहे। इस अवसर पर प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए गए और सभी ने स्वच्छता प्रतिज्ञा भी ली। कार्यक्रम में लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
महापौर अशोक तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि काशी में पर्यटकों का आवक लगातार बढ़ रहा है। इसे और गति देने और पर्यटकों को आकर्षित करने का दायित्व होटल एवं होमस्टे मालिकों का है। उन्होंने कहा कि किफायती और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के साथ अच्छा व्यवहार पर्यटकों को लंबे समय तक काशी में ठहरने के लिए प्रेरित करेगा।
विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि काशी आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र है और यह देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद काशी में बुनियादी सुविधाओं—निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छता, सड़क/रेल/वायु/नदी क्रूज—में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद औसतन प्रतिदिन 1 लाख तीर्थयात्री काशी आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटन में वृद्धि के कारण स्थानीय निवासियों की आय भी बढ़ी है क्योंकि लगभग हर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन से जुड़ा हुआ है। सरकार का उद्देश्य केवल रोजगार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि लोगों को रोजगार सृजनकर्ता बनाना है। स्वच्छता और स्वास्थ्य पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह पहल पर्यटकों को लंबे समय तक ठहरने और बार-बार आने के लिए प्रोत्साहित करती है।
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